पति के दीर्घायु होने की कामना को लेकर सुहागिनों ने वटवृक्ष के नीचे किया वट सावित्री पूजन

सिमडेगा : वट सावित्री पर्व के मौके पर पति के दीर्घायु होने की कामना को लेकर सुहागिनों ने वटवृक्ष के नीचे विधिवत पूजा-अर्चना की। सुबह से ही महिलाओं की भीड़ मंदिरों और बरगद पेड़ के समीप देखी गई। इस मौके पर महिलाओं के काफी संख्या में भीड़ उमड़ी। कुछ महिलाओं ने अपने में घरों पूजा-अर्चना की। अहले सुबह स्नान ध्यान के बाद महिलाएं अपना नए-नए वस्त्र धारण व श्रृंगार कर पूजा की थाली लिए वटवृक्ष के समीप पहुंची। जहां विधिवत पूजन के बाद सत्यवान और सावित्री की कथा सुनी। साथ ही 108 बार कच्चा धागा वृक्ष के चारों तरफ लपेटकर अपने सुहाग की मंगल कामना की। महिलाओं की माने तो वट सावित्री की पूजा से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। जिसका प्राचीन महत्व में देखने को मिला है। वहीं कई जगहों पर अधिक भीड़ बनी रही। वट सावित्री का पर्व धूमधाम से मनायाकु रडेग प्रखंड में वट-सावित्री का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुबह- सुबह सुहागिन महिलाएं अपने घरों से निकलकर बरगद के पेड़ के नीचे पहुंच कर विधि-विधान के साथ वट सावित्री का पूजा-अर्चना कर पति की लंबी उम्र की मंगल कामना की। परिवार के सुख-समृद्ध के लिए प्रार्थना की। वट वृक्ष की पूजा-अर्चना की कोलेबिरा में अमर सुहाग की कामना को लेकर कोलेबिरा में सुहागिनों ने वटवृक्ष की पूजा की। स्नान ध्यान के बाद सुहागिनों नए वस्त्र धारण कर हाथों में पूजा की थाली लिए टोली की शक्ल में वट वृक्ष के नीचे पहुंची । जहां जल, रोली, चावल, सिदूर, हल्दी, गुड़, भींगा चना, मटर, फल व प्रसाद से विधि-विधान पूर्वक सावित्री तथा सत्यवान की पूजा अर्चना की। महिलाओं ने सावित्री एवं सत्यवान की कथा भी सुनी,तत्पश्चात सभी महिलाओं ने वट वृक्ष के तना में 108 बार कच्चा धागा सूत लपेटकर अमर सुहाग की कामना की। पति की लंबी उम्र के लिए की प्रार्थनामहिलाएं इस पूजा के दौरान वट वृक्ष के 108 चक्कर लगाते हुए पवित्र धागे को बांधते हुए सदा सुहागन रहने एवं पति के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। इसके अलावा ठेठईटांगर प्रखंड मुख्यालय के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र सहित सभी जगहों पर धूमधाम के साथ महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु की कामना को लेकर वट सावित्री का पूजा किया वही जलडेगा ,बानो ,बोलबा बांसजोर, पाकरटांड सहित जिले के सभी प्रखंड क्षेत्रों में भी महिलाओं ने विधि विधान के साथ वट सावित्री का पूजा किया।

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